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Tuesday, January 24, 2012

Something from my Heart........


जान के भी तुम अनजाने से बने हो 
अपने है तुम पर बेगाने  से  बने हो 
जाना अंजना रिश्ता है सदियों से 
बीच में  तेरे  मेरे  जो  मिटता  नहीं 

एक  जहाँ में  हमसे  ही  क्यों  खफा  हो 
जब मुझमें  तुम  अनंत  समाये  हो 
चाह  कर  भी  ये  चाहत  मिटती नहीं 
तन्हाई  भरी  जिन्दगी  अब  कटती  नहीं 

तेरा  ख्याल   ऐसा  रमा है  मुझमे 
में ना  जाग  पाया  ना  सो  पाया 
जाने कैसे  निकलू  इस  कशमोकश  से 
बताये कोई  हमे  होश या,  है हम बेहोश  से  

अब  तो  जीता  हु  इस  भरम  में 
क़ि भुला  पाउँगा  तुझे  इस  जनम  में 
जीने  मरने   से  किसी  ने  कुछ  ना  खोया  पाया 
में  तो  जी  जी  के   मर  और  मर  मर  के  जी  ना  पाया 

Monday, January 9, 2012

तेरी रहमत..............


सीधे रास्ते पर ठोकर  लगी  तो   समझा 
जिन्दगी  में  बहुत  सीखना  अभी  बाकि  है 

जब आसानी से  कामयाबी  का साथ  ना मिला 
तो समझा  अभी  जिन्दगी  में  मुश्किलें  अभी  बाकि  है 

प्यार  मिला , दिल  टूटा   और  दर्द  हुआ तो 
हमे समझा  जिन्दगी  में  दर्द  को  समझना  बाकि  है 

अकेलेपन  में  भी  रूहानी  साये  ने  कभी  साथ  ना  छोड़ा 
तो  समझा  की  मौला  का  करम  दुआओ का  असर  बाकि  है  

Friday, September 16, 2011

उधड़ी हुई उम्मीद


                                                                   
ए दोस्त तेरा साथ एक झटके मे क्या छूटा, यू लगा जिंदगी जैसे रुक सी गयी है
उधड़ी हुई उम्मीद की आस जब टूट गयी, तो लगा धड़कन थहम सी गयी है


जी करा की निकाल फेके इस सारे दर्द को अपने दिल के कोने कोने से
अपनी करनी पर जब हम आए तो कम्बख़्त हमारी आखे ही दगा दे गई


एक तेरे सिवा कोंन था मेरे माही, तेरे बिना तो सारी दुनिया ही उजड़ गयी है
सोचते है हम की कैसे जिए बिना आपके, यादो की रूह तो वीरानो मे खो गयी है


तन्हाई के आगोश मे गम के जाम लगाते हुए पल पल ये ख़याल आता है...
शायद मे ही नही हो पाया आपने मे पूरा, रह गया आपके बिना पूरा अधूरा

-- शरद